- आरूषि के बच्चों ने गुलजार दादू के गिफ्ट किए पियानों पर उन्हीं के गीतों को सुनाया
- गीतकार और लेखक गुलजार ने साल 2020 के कैलेंडर का विमोचन किया, मंत्री जयवर्धन सिंह भी मौजूद रहे
प्रवीण पांडेय, भोपाल. आरूषि के बच्चों के लिए शनिवार की सुबह सामान्य दिनों से अलग थी क्योंकि उनके बीच मौजूद थे उनके सबसे प्रिय गुलजार दादू। आरुषि परिसर में सुबह 10.30 बजे जैसे ही गीतकार और लेखक गुलजार पहुंचे। बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे। यह खुशी सिर्फ बच्चों तक सीमित नहीं थी कि बल्कि बच्चों से मिलने का उत्साह गुलजार के चेहरे पर भी साफ दिखाई दे रहा था। बच्चों ने गुलजार का स्वागत गुलाब का फूल भेंटकर किया। इसके बाद गुलजार दादू एक-एक कर सभी बच्चों से मिले।
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आरुषि परिसर में घूमते हुए गुलजार उस जगह पहुंचे, जहां उनका गिफ्ट किया हुआ पियानों रखा हुआ है। फिर अनन्या और कार्णिक ने गुलजार के लिखे गीत लकड़ी की काठी…,गाकर सुनाया। ये मौका था साल 2020 के आरुषि कैलेंडर के विमोचन कार्यक्रम का। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह, एसबीआई के सीजीएम राजेश कुमार भी उपस्थित रहे। बता दें कि इस बार 2020 के कैलेंडर में अमन की तस्वीरों को दिखाते हुए भोपाल और कराची के स्पेशल बच्चों की 24 तस्वीरों को पब्लिश किया गया है। इसमें हिंदी और उर्दू में गीत, कविताएं और नज्में खुद गुलजार ने लिखी हैं। कैलेंडर में कराची से इन्सिया सैयद और ज़ीशान लतीफ के द्वारा खींची गई तस्वीरें हैं।
सरहदों के आर-पार सियासत हो सकती है... लेकिन
गुलजार ने कहा, "जिस तरह दरियाओं, हवाओं की सरहदे नहीं होती, अच्छा लगता है जब सरहद पार से वहां के लोग टैगोर को कोट करते हैं उसी तरह हम यहां इकबाल को कोट करते है। सरहदों के आर-पार सियासत हो सकती है, वो जायज़ भी है पर मानवता के काम की सरहदें नहीं होती है। वहां भी बच्चे है यहां भी। हमें अपने हाथ आगे बढ़ाना है। इस बार के कैलेंडर का मकसद भी यही है।"
अन्य देशों को भी जोड़ेंगे
इस दौरान गुलजार साहब ने कहा कि हम सिर्फ कराची ही नहीं, बल्कि अब दूसरे मुल्कों से भी जुड़ेंगे जहां बच्चों को लेकर इस तरह से काम चल रहा है। हर साल एक नया कदम आगे की तरफ बढ़ता रहेगा। इस मौके पर जयवर्धन सिंह ने कहा गुलज़ार साहब के साथ आरुषि में आना एक विशेष अहसास है। इन बच्चों के बीच में पहले भी आ चुका हूं। उन्होंने कहा कि आरुषि आकर जो अहसास होता है वो ख़ास होता है। यहां आकार बच्चों से मिलकर मुझे ख़ुशी मिलती है। मेरी कोशिश रहेगी कि प्रदेश में सभी संस्थाओं में ऐसे ही काम हो।